अभिव्यक्ति
आमतौर पर किसी व्यक्ति के जन्मदिन पर लोग उसे कुछ उपहार देते हैं, लेकिन आज (23 जनवरी,2023) अपने जन्मदिन पर मैं (कपिल चौदहा) स्वयं को एक उपहार दे रहा हूँ: "अभिव्यक्ति". "अभिव्यक्ति" एक काव्य संकलन है जिसे काव्या संस्था के सात सदस्यों ने मिलकर लिखा है, जिनमें मैं भी शामिल हूँ.

मैं हमेशा मानता हूॅं कि हर एक व्यक्ति को कोई कला या किसी अन्य प्रकार का रचनात्मक कार्य अवश्य करना चाहिए. इससे जीवन में रस बना रहता है. भारत में चिरायु होने का आशीर्वाद देने की परंपरा है, चिरायु का अर्थ है लंबी आयु. हम सभी एक बहुत लंबी उम्र जीना चाहते हैं, लेकिन उस लंबी उम्र का करना क्या है बहुत कम लोगों को पता होता है. वैसे भी कितने ही आशीर्वाद दे दिए जाएँ, समय के साथ शरीर तो मिटता ही चला जाता है. लेकिन, हाँ, अपने विचारों को हम चिरायु ज़रूर बना सकते हैं अपनी सोच में लगातार नए-नए विषयों को शामिल करके, जीवन के नए आयामों का अनुसंधान करके. इससे एक प्रफुल्लता, एक ताज़गी आती है, और इसका हमारी बढ़ती उम्र से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि यह सब कुछ मन के तल पर होता है, और मन की कोई उम्र नहीं होती.

एक युवा भी यदि विचारशील न हो, तो वह बूढ़ा प्रतीत होता है. और एक बूढ़ा भी नई चीज़ें सीखते हुए सदैव युवा ऊर्जा से भरा हो सकता है.